परिचय: ज़रा सोचिए तो, हरी मिर्च के बिना पकाया गया भारत का प्रसिद्ध मसालेदार 'तड़के' वाला एक प्रसिद्ध व्यंजन! अब, इसकी कल्पना करने की कोशिश कीजिए! ग्रोइट का प्लास्टिक मल्च लगाए बिना उगाई गई हरी मिर्च की एक स्वस्थ फसल! दोनों ही स्तिथियाँ विशेष रूप से वर्तमान परिदृश्य में न केवल अजीब, बल्कि असंभव भी हैं।

लेख: अब आप कहेंगे कि इस में ख़ास बात क्या है क्यूंकि शताब्दियों से किसान हरी मिर्च की स्वस्थ फसलें बिना प्लास्टिक मल्च के बहुत सफलतापूर्वक उगा रहे हैं तो यहाँ ग्रोइट की प्लास्टिक मल्च फिल्म का विशेष उल्लेख क्यों है?

इसका उत्तर एकदम सीधा है। मौसम की स्थिति समय और प्रौद्योगिकी के विकास सहित कई अन्य कारकों के कारण बदल रही है। यही वजह है कि आजकल एक किसान को हरी मिर्च सहित अपनी सभी फसलों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्लास्टिक मल्च लगाने की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है।

खेती में ग्रोइट की प्लास्टिक मल्च फिल्म की भूमिका पर अध्ययन करने से पहले आइए हम वर्तमान समय में हरी मिर्च की खेती पर मंडरा रहे खतरों पर चर्चा करें। हरी मिर्च हाल ही में थ्रिप्स के हमलों, जिसके कारण भारत के प्रमुख हरी मिर्च उत्पादक राज्यों में बहुत से किसानों को कटाई के चरण में अपने खेतों की जुताई करनी पड़ी, खबरों में रही है।

चिली थ्रिप्स क्या होते हैं? ऊपर दिए गए तथ्य की रौशनी में यह मान लेना सही होगा कि मकड़ियों, घुन और वायरस के अलावा चिली थ्रिप्स हरी मिर्च उगाने वाले किसानों का सबसे बड़ा डर बन गए हैं। 'येलो टी थ्रिप्स' के रूप में भी जानी जाती चिली थ्रिप्स एक अत्यंत सफलतापूर्वक आक्रामक कीट-थ्रिप्स प्रजाति है, जिसने पिछले लगभग दो दशकों में दुनिया भर में अपना सर्वाधिक प्रसार किया है।

कृषि विशेषज्ञ औद्योगिक क्राँति, वैश्वीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उदारीकरण को चिली थ्रिप्स के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। विभिन्न प्रतिरोधों के प्रति थ्रिप्स की प्रतिरोधक क्षमता उनके प्रसार का एक और राज़ है। 

थ्रिप्स का जीवन चक्र इतना तीव्र होता है कि उन्हें अंडे से व्यस्कता तक पहुँचने के लिए एक पखवाड़े से भी कम समय लगता है। थ्रिप्स पत्ती, फूल और फल का रस चूसकर पौधे को कुछ ही समय में बहुत नुकसान पहुँचा देते हैं।


थ्रिप्स को क्या आकर्षित करता है? कृषिविदों के अनुसार, चिली थ्रिप्स रंग से आकर्षित होते हैं, जो शायद मिर्च की फसल पर उनके हमले का एक कारण हो सकता है, और उनके हमलों से निपटने के संभावित तरीकों में से एक भी हो सकता है।

ग्रोइट की प्लास्टिक मल्चिंग से थ्रिप्स को कैसे रोक सकते हैं? अत्याधुनिक तकनीक की मदद से निर्मित, ग्रोइट की प्लास्टिक मल्चिंग प्रकाश को प्रतिबिंबित करती है जो थ्रिप्स की हरी मिर्च की फसल के साथ-साथ उनके अन्य लक्ष्यों का पता लगाने की क्षमता को बहुत कम कर देती है। ग्रोइट की प्लास्टिक मल्च फिल्म में पाई जाने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें हरी मिर्च की फसल को थ्रिप्स के हमले से बचाने में उपयोगी सिद्ध होती हैं। 

इस समस्या का समाधान एक निपुण कृषि विज्ञानी की मदद से सही प्रकार की मल्चिंग शीट का चयन करके किया जा सकता है। ग्रोइट इंडिया की प्लास्टिक मल्चिंग रेंज में सिल्वर/ब्लैक, व्हाइट/ब्लैक, ब्लैक/ब्लैक, रेड/ब्लैक शामिल हैं। आप कृषि विशेषज्ञ के परामर्श से अपनी मिर्च की फसल के लिए इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चिली थ्रिप्स दोबारा कभी भी आपके खेत में न आ सकें।

कॉल टू ऐक्शन: हरी मिर्च की खेती के लिए प्लास्टिक मल्चिंग के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप या तो ग्रोइट इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट https://www.thegrowit.com पर हमारे ब्लॉग पर लेख पढ़ सकते हैं, ग्रोइट ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं, या हमें 18008896978, +919316747973 पर कॉल कर सकते हैं। हमें आपकी सहायता कर के बहुत खुशी होगी!